क्योंकि वो ‘गिरा’ हुआ था. ……
पर ये ख़ुद तो नही गिरा होगा . ..
इसका सौन्दर्य ,इसका घाती.
तोड़ा…; पर सजाया नहीं इसे कहीं. …
मुरझाना-सूखना तो सहज था;
पर इस तरह,रौदा जाना ….. ,,…
किसी ने इसे रास्ते में गिरा दिया. ..,,,..
‘ठीक उन लड़कियों की तरह………………….’..,..”
चित्र साभार:गूगल
आपने फ़रमाया…